मॉक ड्रिल : जिला सचिवालय में भूकंप से बचाव का अभ्यास किया जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने किया संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन नूंह 22 अक्तूबर : एनडीआरएफ के सहायक कामंडेट विकास सैनी के मार्गद
्शन में मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। डीएम कैप्टन शक्ति की अध्यक्षता में भूकंप आपदा पर आधारित संयुक्त अभ्यास, एनडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व अन्य हित धारकों के साथ जिला सचिवालय में शुक्रवार को किया गया। जिला सचिवालय नूंह में मॉक ड्रिल की शुरूआत 11 बजे हुई। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के तहत अचानक जिला सचिवालय की आपातकालीन घंटी बजी और अधिकारियों व कर्मचारियों को भूकंप आने की सूचना दी गई। भूकंप थमने के बाद अधिकारी व कर्मचारी खुले स्थान पर इक_ा हुए जहां उनका हेड अकाउंट किया गया। एनडीआरएफ के 47 बचाव कर्मी मौजूद थे। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर हरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंच कर तुरंत ही बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया। कुछ लोगों के बिल्डिंग के ऊपरी मंजिल में फंसे होने की जानकारी पर एनडीआरएफ की रोप रेस्क्यू टीम के बचावकर्ता रोप तकनीकों का इस्तेमाल कर बिल्डिंग के ऊपरी मंजिल से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास किया। मॉक ड्रिल में कई कर्मचारियों को गोद में लेकर सीढीयों से नीचे उतारा गया और अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस में बैठाया गया। पब्लिक के आवागमन के बीच यहां प्रैक्टिस की गई। घायलों को स्ट्रेचर से ले जाते हुए एम्बुलेंस में बैठाने तक की प्रैक्टिस की गई। एनडीआरएफ की टीम ने दीवार काटकर बिल्डिंग में फंसे हुए लोगों को निकालने व टेबल के नीचे छुपने का डेमो भी दिखाया। रेडक्रास के वॉलिंटियर्स की आज की मॉक ड्रिल में अच्छी भूमिका रही। इंस्पेक्टर हरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा की स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों से अवगत करवाया गया। भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा के समय जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की शुरुआत स्वयं से शुरू करनी होगी तथा जन-जन को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करना होगा। डीएम कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि इस मॉक ड्रिल में 7.5 रिएक्टर पैमाने का भूकम्प दर्शाया गया था। प्रात: 11 बजे सायरन बजते ही रेस्कयू आप्रेशन शुरु कर दिया गया। इस पैमाने पर भूकंप आने पर क्या नुकसान हो सकता है इसको ध्यान में रखते हुए यह मॉक ड्रिल की गई। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी गलती लोग यह कर लेते हैं आनन-फानन में लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया गया कि ऐसे हालात में कभी भूल से भी लिफ्ट का इस्तेमाल न करें। हमेशा सीढीयों का इस्तेमाल करना चाहिए। सबसे जरूरी यह है भूकंप आते ही बहुमंजिला इमारतों से तुरंत बाहर आ जाना चाहिए और दूर मैदान में जाकर खड़े होना चाहिए। यदि बिल्डिग में हो तो किसी टेबल के नीचे हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की सभी टीम ने एनडीआरएफ के समन्वय से सक्रियता से अपना योगदान दिया व इस प्रकार की मॉक ड्रिल हमारे सुरक्षा प्रबंधों को अपडेट रखने में सहयोगी हैं। मेगा मॉक ड्रिल के दौरान एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, आदि इंतजाम दुरूस्त पाए गए। कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस व प्रशासन के बीच आपसी समन्वय नजर आया और भविष्य में किसी आपदा से निपटने में आज की तैयारी के अनुभव का लाभ मिलेगा। आज की मॉक ड्रिल की इंसीडेंट कमांडर एसडीएम नूंह सलोनी शर्मा रही। इस मॉक ड्रिल के अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सुभिता ढाका, नगराधीश जयप्रकाश, जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार, डीएसपी सुधीर तनेजा, डीएफएससी अनिल कुमार कालरा,पीओ गुरकर्ण सिंह, जिला फायर स्टेशन नितिश भारद्वाज, रेडक्रास सचिव महेश गुप्ता, तहसीलदार सालनी लाठर, नायब तहसीलदार अख्तर हुसैन सहित स्वयं सेवक भी उपस्थित रहें।
Comments